Pointer are used frequently in C, they offer number of benefits to the programmers.
1. Pointers are more efficient in handling arrays and data tables.
2. Pointers can be used to return multiple values from a function via function argument.
3. Pointers permit references to functions and thereby facilitating passing of functions as arguments to other functions.
4. The use of pointer arrays to character strings results in saving of data storage space in memory.
5. Pointer allow C to support dynamic memory management.
6. Pointer provide an efficient tool for manipulating dynamic data structure such as structure, linked lists, queues, stacks, and trees.
7. Pointer reduce length and complexity of programs.
8. They increase the execution speed and thus reduce the program execution time.
Underlying Concepts of Pointers
Memory addresses within a computer are referred to as pointer constants. We cannot change them; we can only used them to store data values. They are like house numbers.
we cannot save the value of a memory address directly. We can only obtain the value through the variable stored there using the address operator(&). The value thus obtained is known as pointer value. The pointer value (i.e the address of a variable) may change from one run of the program to another.
Once we have a pointer value, it can be stored into another variable. The variable that contains a pointer value is called pointer variable.
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आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम pointer के बारे में जानेंगे जो C/C++ में सबसे कठिन माना जाता है.
अब हमारे पास एक variable p है जो कि int* type का है और उसमे x का address stored है - means p को print करेंगे तो x का address print हो जायेगा.(ऊपर दिखाए गए अनुसार यहाँ पर x का address 3 है परन्तु अलग अलह time पर C/C++ program run करने पर address अलग अलग आएगा) यदि हमें यह जानना है कि p में जिस Memory का address लिखा हुआ उस memory पर क्या stored है तो *p का use करते हैं(यहाँ p में उस memory का address है जहाँ x है और उस memory यानि x में 5 stored है इसलिए *p यहाँ पर 5 देगा. इसका एक छोटा सा example देखते हैं. इस example को अपने अनुसार change करके चलाकर देखें और experiement करें.
अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों को भी बताएं क्योंकि ये उनके लिए भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है!! नीचे दिए गए link के माध्यम से इसे आसानी से facebook twitter और Google Buzz पर भी Share कर सकते हैं.
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आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम pointer के बारे में और जानेंगे.
पिछली बार हमने इस C/C++ programming language tutorial में int pointer का example देखा था परन्तु pointer किसी भी datatype का हो सकता है. struct का भी pointer हो सकता है. हम struct pointer का एक example देखते हैं. अगर आपको struct का use करना नहीं आता तो पहले इसे पढ़ लें. C/C++ struct hindi में पढ़ने के लिए यहाँ click करें.
ऊपर दिए गए program को ध्यान से देखिये. r2 address(pointer) है r1 का, इसलिए *r2 हमें struct rectangle देगा(pointer वाले address की value * लगाने पर आती है इसलिए *r2 और r1 एक ही हैं. इसी तरह (*r2).width और r1.width भी एक ही हैं दोनों में से किसी एक को change करने पर दूसरा भी change हो जाता है.)
Important Note about pointer
1. (*r2).width लिखने का shortcut r2->width भी होता है. program मे (*r2).width की जगह r2->width और (*r2).length कि जगह r2->length भी लिख सकते हैं. आप ऊपर दिए गए program में यह लिखकर चलाकर देखें.
2. कोई भी variable declare करने का मतलब है कि उसमे कोई value नहीं डाली(जैसे int x;) और define करने का मतलब है कि उसमे value भी डाल दी है(जैसे int x=1;) अगर आपने pointer सिर्फ declare किया है और उसमे किसी variable का address नहीं डाला तो उससे value read करने में(* का use करके जैसे *r2) program crash हो जायेगा और segmentation fault दे देगा.
आज के लिए इतना ही. अभी pointer के बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है.
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आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम pointer के बारे में और जानेंगे.
नीचे दिए गए इस example को देखिये और सोचिये कि यह क्या print करेगा, आपको इसका actual output देखकर आश्चर्य होगा.
run करने पर इसका output यह आएगा.
इसका कारण यह है कि जब add1 function call हुआ तो उसमे pass किये गए variable x की एक अलग copy बन गयी, add1 function ने उस copy की value change की है, इसलिए original x की value change नहीं हुई.
जब भी कोई function call होता है उसमे pass किये गए variable की copy बन जाती है और वह copy call किये गए function को दी जाती है. इसलिए call किया गया function अगर arguments की value change करता है तो original variable की value change नहीं होती, copy की value change होती है.
अब नीचे वाला C++ program देखिये जो pointer का use करके लिखा गया है और सोचिये कि इसका output क्या होगा
main में जब add1 function को call किया है तो उसमे x का address pass किया है. ऊपर बताये गए अनुसार x के address की एक copy बनेगी जो add1 function को दी जायेगी. अगर add1 function address को change करता तो x की value change नहीं होती पर add1 function उस address में store variable की value change कर रहा है. चाहे वह original address हो या address की copy, address तो उसी variable का ही रहेगा, इसलिए अगर हम उस address पर store variable को change करते हैं original variable भी change हो जायेगा.
अभी pointer के बारे में और जानना भी बाकी है. इसलिए आगे के लेखों का wait करें.
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1. Pointers are more efficient in handling arrays and data tables.
2. Pointers can be used to return multiple values from a function via function argument.
3. Pointers permit references to functions and thereby facilitating passing of functions as arguments to other functions.
4. The use of pointer arrays to character strings results in saving of data storage space in memory.
5. Pointer allow C to support dynamic memory management.
6. Pointer provide an efficient tool for manipulating dynamic data structure such as structure, linked lists, queues, stacks, and trees.
7. Pointer reduce length and complexity of programs.
8. They increase the execution speed and thus reduce the program execution time.
Underlying Concepts of Pointers
we cannot save the value of a memory address directly. We can only obtain the value through the variable stored there using the address operator(&). The value thus obtained is known as pointer value. The pointer value (i.e the address of a variable) may change from one run of the program to another.
Once we have a pointer value, it can be stored into another variable. The variable that contains a pointer value is called pointer variable.
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आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम pointer के बारे में जानेंगे जो C/C++ में सबसे कठिन माना जाता है.
What is Pointer in C/C++ programming language
इससे पहले हम यह जान चुके हैं कोई भी variable Computer की memory में किस तरह से store होता है. जहाँ store होता है उसका address भी होता है जो यह बताता है कि variable की value memory में कहाँ stored है. इस address को ही pointer कहते हैं. C/C++ programming language हमें यह सुविधा देती है कि हम किसी variable का address जान सकें(variable का address = वह Memory address/location जहाँ variable की value stored है). C/C++ programming language में किसी भी variable का address जानने के लिए & का use करते हैं. जैसे कि अगर कोई variable int x; है तो x का address &x से मिल जायेगा. जिस तरह से हम int, char, float etc को variable में store कर लेते हैं उसी तरह किसी variable के address को भी. इसके लिए एक नया datatype होता है जो address store करने के काम आता है जिस तरह से integer store करने के लिए int datatype का use होता है. किसी int variable का address store करने के लिए int* datatype का use करते हैं. इसी तरह char variable का address store करने के लिए char* datatype का use करते हैं. नीचे एक छोटा सा example यह show कर रहा है कि किसी variable में दूसरे variable का address कैसे store करते हैं.int x = 5; int* p; p = &xयहाँ पहले एक int variable x define किया है, फिर p ऐसा variable declare किया है जो किसी int का address store करता है. फिर p variable में x का address डाल दिया है.(जैसा कि हम जानते हैं कि किसी भी variable का address जानने के लिए & का use करते हैं.)
Address→ | 0 | 1 | 2 | 3 | 4 | |
Memory→ | 10000111 | 11100101 | 00100110 | 0000101 | 01100101 | . . . |
↑ | ||||||
p = &x = 3 | int x |
#include <stdio.h> int main() { int x = 5; int* p = &x; printf("x = %d\n",x); printf("address of x = %d\n", p); printf("value at location p = %d\n", *p); scanf("%d", &x); return 0; }आज के लिए इतना ही. अगले topic में Hindi में C/C++ tutorial को आगे बढ़ाते हुए pointer के use देखेंगे.
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आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम pointer के बारे में और जानेंगे.
पिछली बार हमने इस C/C++ programming language tutorial में int pointer का example देखा था परन्तु pointer किसी भी datatype का हो सकता है. struct का भी pointer हो सकता है. हम struct pointer का एक example देखते हैं. अगर आपको struct का use करना नहीं आता तो पहले इसे पढ़ लें. C/C++ struct hindi में पढ़ने के लिए यहाँ click करें.
#include <stdio.h> struct rectangle { int width; int length; }; int main() { struct rectangle r1; r1.width = 10; r1.length = 15; struct rectangle* r2; r2 = &r1; printf("Original width=%d, length=%d\n", (*r2).width, (*r2).length); r1.width = 20; r1.length = 25; printf("r1 changed, width=%d, length=%d\n", (*r2).width, (*r2).length); (*r2).width = 5; (*r2).length = 10; printf("*r2 changed, width=%d, length=%d\n", r1.width, r1.length); return 0; }ऊपर दिए C/C++ program को चला कर देख लें. उसका output यहाँ समझते हैं. main में हमने पहले struct rectangle type का variable r1 define किया है और pointer r2 declare किया है जो struct rectangle का address store कर सकता है. उसमे r1 का address डाल दिया गया है. अब r1 एक variable है और r2 pointer है जिसमे r1 का address है इसलिए अगर हम r1 में value change करते हैं तो r2 से value read करने पर changed value मिलेगी. इसी तरह r2 में value change करते हैं तो r1 से read करने पार changed value मिलेगी.
ऊपर दिए गए program को ध्यान से देखिये. r2 address(pointer) है r1 का, इसलिए *r2 हमें struct rectangle देगा(pointer वाले address की value * लगाने पर आती है इसलिए *r2 और r1 एक ही हैं. इसी तरह (*r2).width और r1.width भी एक ही हैं दोनों में से किसी एक को change करने पर दूसरा भी change हो जाता है.)
Important Note about pointer
1. (*r2).width लिखने का shortcut r2->width भी होता है. program मे (*r2).width की जगह r2->width और (*r2).length कि जगह r2->length भी लिख सकते हैं. आप ऊपर दिए गए program में यह लिखकर चलाकर देखें.
2. कोई भी variable declare करने का मतलब है कि उसमे कोई value नहीं डाली(जैसे int x;) और define करने का मतलब है कि उसमे value भी डाल दी है(जैसे int x=1;) अगर आपने pointer सिर्फ declare किया है और उसमे किसी variable का address नहीं डाला तो उससे value read करने में(* का use करके जैसे *r2) program crash हो जायेगा और segmentation fault दे देगा.
आज के लिए इतना ही. अभी pointer के बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है.
अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों को भी बताएं क्योंकि ये उनके लिए भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है!! नीचे दिए गए link के माध्यम से इसे आसानी से facebook twitter और Google Buzz पर भी Share कर सकते हैं.
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आज Hindi के इस C/C++ programming language tutorial को आगे बढ़ाते हुए हम pointer के बारे में और जानेंगे.
नीचे दिए गए इस example को देखिये और सोचिये कि यह क्या print करेगा, आपको इसका actual output देखकर आश्चर्य होगा.
#include <stdio.h> void add1(int i) { i = i + 1; } int main() { int x = 5; printf("before adding x = %d \n", x); add1(x); printf("after adding x = %d \n", x); scanf("%d", &x); return 1; }
run करने पर इसका output यह आएगा.
before adding x = 5 after adding x = 5अब समझते हैं कि यह output क्यों आ रहा है. अगर आप add1 function देखेंगे तो उसमे जो parameter(argument) pass किया जाता है उसकी value 1 बढ़ा रहा है. main में पहले x की value 5 है इसलिए पहली बार x = 5 print हुआ है. उसके बाद add1 function में x को pass किया है इसलिए x की value 1 बढ़ जाना चाहिए परन्तु उसकी value 5 ही है और इसीलिए बाद में भी x = 5 ही print हो रहा है.
इसका कारण यह है कि जब add1 function call हुआ तो उसमे pass किये गए variable x की एक अलग copy बन गयी, add1 function ने उस copy की value change की है, इसलिए original x की value change नहीं हुई.
जब भी कोई function call होता है उसमे pass किये गए variable की copy बन जाती है और वह copy call किये गए function को दी जाती है. इसलिए call किया गया function अगर arguments की value change करता है तो original variable की value change नहीं होती, copy की value change होती है.
अब नीचे वाला C++ program देखिये जो pointer का use करके लिखा गया है और सोचिये कि इसका output क्या होगा
#include <stdio.h> void add1(int* i) { *i = *i + 1; } int main() { int x = 5; printf("before adding x = %d \n", x); add1(&x); printf("after adding x = %d \n", x); scanf("%d", &x); return 1; }run करने पर इसका output यह आएगा.
before adding x = 5 after adding x = 6अब इसे समझते हैं कि यहाँ function call करने पर x की value बढ़ क्यों गयी. यहाँ add1 function int नहीं लेता बल्कि int variable का address लेता है, और उस address पर जो भी value होती है उसे 1 बढ़ा देता है.
main में जब add1 function को call किया है तो उसमे x का address pass किया है. ऊपर बताये गए अनुसार x के address की एक copy बनेगी जो add1 function को दी जायेगी. अगर add1 function address को change करता तो x की value change नहीं होती पर add1 function उस address में store variable की value change कर रहा है. चाहे वह original address हो या address की copy, address तो उसी variable का ही रहेगा, इसलिए अगर हम उस address पर store variable को change करते हैं original variable भी change हो जायेगा.
अभी pointer के बारे में और जानना भी बाकी है. इसलिए आगे के लेखों का wait करें.
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