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Dr. Charles Simonyi is the Father of Modern Microsoft Excel                                           JavaScript was originally developed by Brendan Eich of Netscape under the name Mocha, later LiveScript, and finally renamed to JavaScript.                                           The word "Biology" is firstly used by Lamarck and Treviranus                                           Hippocrates (460-370 bc) is known as father of medicine.                                           Galene, 130-200 is known as father of Experimental Physology                                           Aristotle (384-322 BC) is known as Father of Zoology because he wrote the construction and behavior of different animals in his book "Historia animalium"                                           Theophrastus(370-285 BC) is known as father of Botany because he wrote about 500 different plants in his book "Historia Plantarum".                                           John Resig is known as Father of Jquery -                                          HTML is a markup language which is use to design web pages. It was invented in 1990 by Tim Berners-Lee.                                                                The Google was founded by Larry Page and Sergey Brin.                                                                Rasmus Lerdorf was the original creator of PHP. It was first released in 1995.                                                               Facebook was founded by Mark Zuckerberg                                                               Bjarne Stroustrup, creator of C++.                                                                Dennis Ritchie creator of C                                                                                                                              James Gosling, also known as the "Father of Java"                                          At 11.44%, Bihar is India's fastest growing state                                          Father of HTML -Tim Berners Lee                                          orkut was created by Orkut Büyükkökten, a Turkish software engineer                    Photoshop: It came about after Thomas Knoll, a PhD student at the University of Michigan created a program to display grayscale images on a monochrome monitor which at the time was called 'Display'.

EDUCATION LOAN PROCEDURE

कैसे लें एजुकेशन लोन
हर किसी का सपना होता है कि अच्छी से अच्छी शिक्षा हासिल करें। कुछ लोगों के लिए यह आसान होता है, क्योंकि उनके पास पढ़ाई के लिए पैसा होता है, लेकिन ऐसे लोग भी बड़ी संख्या में हैं, जो पैसों के कारण उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाते हैं। परंतु अब इसके लिए अधिक मायूस होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बैंक कुछ निर्धारित नियम एवं शर्तों पर लोन देने के लिए तैयार है। बैंक से लोन लेकर आप उच्च शिक्षा हासिल करने का सपना पूरा कर सकते हैं।
कैसे मिलता है बैंक से लोन
बैंक एजुकेशन लोन देने से पहले उसकी रिपेमेंट सुनिश्चित करता है। आमतौर पर लोन उसे ही दिया जाता है, जो इसे वापस करने की क्षमता रखता है। रिपेमेंट लोन लेने वाले स्टूडेंट के अभिभावक कर सकते हैं या फिर लोन लेने वाला स्वयं पढ़ाई खत्म करने के बाद रिपेमेंट कर सकता है। लोन लेने के लिए गारंटर की जरूरत पड़ती है। गारंटर लोन लेने वाले का अभिभावक या फिर रिश्तेदार हो सकते हैं।
एजुकेशन लोन का दायरा
बैंक किसी भी कोर्स के लिए होने वाले खर्चों की पूर्ति करने के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराता है। एजुकेशन लोन के दायरे में देश और विदेश में पढ़ाए जाने वाले कोर्स शामिल होते हैं। आप चाहें, तो किसी के लिए भी बैंक से लोन ले सकते हंै। भारत में बारहवीं की स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, पी.एच.डी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चर, लॉ, डेंटल, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर, मान्यता प्राप्त प्रतिष्ठित संस्थानों के कम्प्यूटर कोर्स, आईसीडब्यूए, सीए आदि जैसे कोर्सों के लिए एजुकेशन लोन ले सकते हैं। यदि आप विदेश में पढ़ाई की चाहत रखते हैं, तो प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के जॉब ओरिएंटेड प्रोफेशनल या टेक्निकल कोर्स, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, एमसीए, एमबीए, एमएस आदि के लिए भी एजुकेशन लोन बैंक से हासिल कर सकते हैं।
किसके लिए मिल सकता है लोन
स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल की फीस, परीक्षा, लाइबे्ररी और लेबोरेटी की फीस, किताबें, इक्विपमेेंट, इंस्टूमेंटस, यूनिफॉर्म खरीदने के लिए,विदेश में पढ़ाई के लिए यात्रा खर्च, रास्ते का खर्च, स्टडी टूर, प्रोजेक्ट वर्क, थीसिस इत्यादि।
आपकी जरूरत
जब आप एजुकेशन लोन लेने का मन बना लेते हैं, तो आप पहले से ही यह अंदाजा लगा लेंकि आपकी जरूरत कितनी है? अलग-अलग मद में कितना खर्च होगा? पढऩे के लिए कहां जाना है? कितना समय लगेगा? इसपर विचार करने के बाद ही अपना बजट तैयार करें और कितना बोझ आप खूद उठा सकते हैं।
लोन लेने से पहले ध्यान दें
मंदी के कारण आजकल मार्केट की स्थिति काफी बेहतर नहीं है। ऐसे में जान लें कि आप जो लोन लेने जा रहे हैं। उसकी रिपेमेंट सही समय पर हो जाए। इसलिए लोन उतना लिया जाए, जितना आप उठा सकें। नौकरी लगने के बाद रिपेमेंट के ऑपशन पर विचार करने से पहले सभी विकल्पों और अच्छी-बूरी सभी प्रकार की संभावनाओं पर पूरी तरह विचार कर लिया जाना चाहिए। बेशक बाजार की मांग और आपूर्ति का इस सेक्टर पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता, लेकिन फ्लोटिंग रेट का असर जरूर पड़ता है। विशेषकर लम्बी अवधि के लोन फ्लोटिंग रेट से प्रभावित होते हैं।
लोन चुकाने के अवसर
बैंक अन्य लोन की तरह ही एजुकेशन लोन पर भी ब्याज वसूलता है, लेकिन यह वसूली करने के लिए उसके पास मुख्य रूप से तीन विकल्प हैं। इनमें एक आकर्षक जरिया है मोरेटोरियम पीरियड जिसे रिपेमेंट हॉलीडे भी कहा जाता है। इसमें विकल्प होता है कि लोन लेने वाला इसकी रिपेमेंट जिस कोर्स में एडमिशन लिया गया है, उसकी समाप्ति के बाद कर सकता है।
रिपेमेट मोरेटोरियम : कई बैंक कोर्स की समाप्ति के एक बर्ष बाद या नौकरी लगने के छह महीने बाद रिपेमेंट शुरू करने का विकल्प भी देते हैं।
कोर्स के दौरान सिर्फ ब्याज का भूगतान : कोर्स पूरा करने के बाद वास्तविक ईएमआई (मूल और ब्याज) का पेमेंट करना होगा। लोन मिलने के तुरंत बाद ईएमआई का भूगतान कर सकते हैं। इस बारे में कई बैंक ब्याज दर पर डिस्काउंट भी देते हैं।
लोन पर ब्याज
आमतौर पर एजुकेशन लोन पर ब्याज की दर पसर्नल लोन के रेट से कम होती है। कुछ बैंक फिक्स रेट चार्ज करते हैं, तो कुछ फ्लोटिंग रेट पर। इन दोनों में करीब एक प्रतिशत का अंतर होता है। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि एजुकेशन लोन की अवधि पांच से सात वर्ष की होती है, इसलिए रिपेमेंट के लिए फिक्स रेट का ऑप्शन नहीं देते। ऐसे में जरूरत है वास्तविक फिक्स रेट की जानकारी लेने की। कई बैंक लड़कियों के लिए ब्याज की दर में डिस्काउंट का ऑप्शन भी देते हैं।
लोन लेने पर कितनी प्रोसेसिंग फीस
इन दिनों कई बैंक एजुकेशन लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस चार्ज नहीं करते। जिस बैंक से आप लोन ले रहे हैं और यदि वह आपसे प्रोसेसिंग फीस की मांग कर रहा है, तो आप उस बैंक के साथ निगोसिएशन भी कर सकते हैं।आम तौर पर सभी बैंक उस स्थिति में प्री-पेमेंट फीस चार्ज नहीं करते, जब लोन लेने वाला अपने बूते लोन की प्री-पेमेंट करता है। लेकिन लोन की बकाया राशि किसी और बैंक में ट्रांसफर करने की हालत में प्री-पेमेंट फीस वसूल की जाती है।
लोन की तैयारी
एजुकेशन लोन लेने के लिए कुछ औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ता है, इससे बिना एजुकेशन लोन मिलना आसान नहीं होता है। कई बार लोन इसलिए भी नहीं मिलता है, क्योंकि कोर्स यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं होते हैं। इसलिए लोन लेने से पहले पूरी तैयारी बेहद जरूरी है। बैंक, ग्राहकों को लोन लेने में अलग-अलग सुविधाएं भी प्रदान करता है। जैसे कि कोई बैंक लड़कियों को ब्याज दर में छूट देता है, तो कोई बैंक लोन देने में प्री-पेमेंट चार्ज नहीं लेता है। इसके अलावा, प्रत्येक बैंक की प्रोसेसिंग फीस भी अलग-अलग होती है। आमतौर पर लोने लेने से पहले नीचे दिए गए कुछ प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है... एडमिशन मिलने का प्रमाणपत्र स्टडी प्रोग्राम का कास्ट ब्रेकअप लोन लेने का आवेदन फार्म पते, पहचान के प्रमाण, सिगनेचर वेरिफिकेशन यानी आवेदक की जानकारी गारंटर की इनकम प्रूफ विदेश जाने के लिए लोन लेने पर यूनिवर्सिटी का लेटर वीजा डाक्यूमेंट और ट्रेवल पेपर्स खर्चों की सूची, फोटोग्राफ

20 लाख तक ले सकते हैं लोन
देश या विदेश से उच्च शिक्षा हासिल करने में महंगी फीस अब बाधक नहीं है, क्योंकि इसके लिए प्राय सभी बैंकों द्वारा एजुकेशनल लोन दिए जाते हैं। लेकिन एजुकेशन लोन प्राप्त करने के लिए कुछ शर्ते पूरी करनी होती हैं। एजुकेशन लोन कौन और कैसे ले सकता है, इस बारे हमने बात की लोन विशेषज्ञ से।
एजुकेशन लोन कौन ले सकता है?
एजुकेशन लोन उन स्टूडेंट को ही दिया जाता है, जो आगे की पढ़़़ाई यानी हायर टेक्निकल और प्रोफेशनल कोर्स भारत या इससे बाहर करना चाहते हैं। खासकर, एजुकेशन लोन विभिन्न करियर ओरिएंटेड कोर्सों-इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल आदि में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स को आसानी से मिल जाता है। इसके अलावा, गे्रजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को भी एजुकेशन लोन दिया जाता है। वैसे, कोर्स फीस के अतिरिक्त कम्प्यूटर, मेडिकल किट आदि के लिए भी लोन दिया जाता है।
एजुकेशन लोन के किन चीजों की जरूरत होती है?
इसके लिए सबसे पहले जिस बैंक से लोन लेना है, वहां का निर्धारित फॉर्म भरना होता है। फॉर्म के अलावा, फोटोग्राफ, आईडेंटिटी प्रूव, रेजिडेंस प्रूव, इनकम प्रूव, एजुकेशनल क्वालिफिकेशन से संबंधित सर्टिफिकेट्स, सीनियर सेकेंड्री स्कूल की मार्कशीट, एमबीए के लिए पोस्ट ग्रेजुएट या गे्रजुएशन की मार्कशीट, स्कॉलरशिप से संबंधित डॉक्यूमेंट्स (यदि कैंडिडेट के पास है) आदि की जरूरत होती है। इसके अलावा, एडमिशन लेटर और कोर्स ड्यूरेशन आदि से संबंधित प्रूव की भी जरूरत होती है।
एजुकेशन लोन आसानी से स्वीकृत कराने के लिए किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए?
स्टूडेंट को चाहिए कि वे लोन से संबंधित जो विवरण और दस्तावेज दे रहे हैं, वे पूरी तरह सही हों और बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हों। साथ ही, कोर्स के दौरान कितना खर्च आ सकता है, उसका भी विवरण देना चाहिए।
क्या लोन की स्वीकृति यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट के स्टेटस पर भी निर्भर करती है?
लोन की स्वीकृति बैंक के नियमों के तहत ही दी जाती है। कई बार लोन के दौरान कोर्स और यूनिवर्सिटी को भी ध्यान में रखा जाता है। साथ ही, पेरेंट्स या को-ऐप्लिकेंट के फाइनेंशियल स्टेटस पर भी नजर रखी जाती है।
एजुकेशन लोन के अंतर्गत अधिकतम और न्यूनतम लोन की सीमा कितनी है?
अलग-अलग बैंकों के अनुसार, एजुकेशन लोन न्यूनतम 20 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 20 लाख रुपये तक लिया जा सकता है।
क्या एजुकेशन लोन के लिए सिक्योरिटी की भी जरूरत होती है?
चार लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन पर किसी सिक्योरिटी की जरूरत नहीं होती है। लेकिन इसके लिए पेरेंट्स के फाइनेंशियल स्टेट्स का अप्रेजल भी किया जाता है। यदि चार लाख रुपये से अधिक लोन लेते हैं, तो लोन के अनुरूप सिक्योरिटी की जरूरत होती है या किसी थर्ड पार्टी को गारंटी लेनी पड़़़ती है।
एजुकेशन लोन के रिपेमेंट की प्रक्रिया क्या है?
कोर्स के दौरान पहले साल उपयोग किए गए लोन का सिम्पल इंटरेस्ट ही अदा करना होता है। लेकिन कोर्स खत्म होने के बाद रिपेमेंट की प्रक्रिया शुरू होने के पांच वर्षो में पूरा पेेमेंट करना होता है।

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